
भारत के लिए ये हफ्ता सच में रोशन हो गया है—बल्ब बदलने वाली रोशनी नहीं, बल्कि UNESCO-Approved दिवाली वाली रोशनी! जी हां, दुनिया का सबसे बड़ा रोशनी का त्योहार अब केवल भारत की गली-मोहल्लों में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल कल्चरल मैप पर भी दमक रहा है।
यूनेस्को ने दिवाली को अपनी Intangible Cultural Heritage लिस्ट में शामिल कर लिया है, और सोशल मीडिया पर इसकी खुशी ऐसे फूटी है जैसे पटाखे पर extra फ्यूज़ लगा दिया हो।
पीएम मोदी ने इसे “भारत की सभ्यता की आत्मा” कहा, तो दिल्ली सरकार ने 10 दिसंबर को Special UNESCO Wali Diwali मनाने का एलान कर दिया—सरकारी बिल्डिंगें सजेंगी, दिल्ली हाट चमकेगा, और लाल क़िले पर होने वाला दीया-उत्सव तो Instagram की स्टोरीज़ में छा ही जाएगा।
लेकिन मज़े की बात ये है कि असली खुशी सिर्फ सरकारें नहीं, बल्कि लखनऊ से मुम्बई, भोपाल से गंगटोक और बेंगलुरु से दिल्ली तक के लोग भी मना रहे हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई—सब दिवाली के ग्लोबल होने से उतने ही खुश हैं जितना बच्चे “फुलझड़ी वाले बॉक्स” देखकर होते हैं।
दुनिया बदल रही है… पर दिवाली का जादू अब UNESCO की मोहर के साथ और भी चमक रहा है!
दिल्ली में 10 दिसंबर को Extra Diwali Celebration
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि राजधानी में 10 दिसंबर को ग्रैंड सेलिब्रेशन ऑफ दिवाली 2.0 मनाया जाएगा।
- दिल्ली की सभी सरकारी इमारतें सजेंगी
- दिल्ली हाट में स्पेशल कार्यक्रम होंगे
- लाल किले पर हजारों दीये जलेंगे
लगता है दिल्ली इस बार Light Pollution को भी बोल देगी— “भाई थोड़ा adjust कर ले, खुशी का मौका है।”
अब भारत के कुल 16 सांस्कृतिक रत्न UNESCO की अमूर्त धरोहर सूची में
दिवाली से पहले भारत की 15 अमूर्त धरोहरें पहले से सूची में थीं— दुर्गा पूजा, कुंभ मेला, छऊ नृत्य, रामलीला, वैदिक मंत्रोच्चार…अब दिवाली इस Golden Heritage Club का ताज़ा चमकता हुआ सदस्य बन गई है।
UNESCO लिस्ट का मतलब—दिवाली Now Global Property!
इस मान्यता का मतलब है— दुनिया दिवाली को सांस्कृतिक धरोहर मान रही है। इंटरनेशनल कल्चरल मैप पर भारत और मजबूत हुआ। दिये और दीपावली की परंपरा को अब Global Cultural Protection मिलेगी। भारत की सांस्कृतिक Soft Power और भी चमकदार हो गई।
इसे कहते हैं—लाइट का ग्लोबल राइजिंग!
Reactions
लखनऊ (Lucknow)
रफीक अहमद: “UNESCO ने दिवाली को Heritage दिया—लखनऊ का दिल खुश हो गया!”
अंजलि त्रिवेदी: “अब हमारी दिवाली भी इंटरनेशनल हो गई, वाह!”
इमरान सैफी: “दीये की रौशनी तो मोहब्बत है भाई, दुनिया भर में फैलेगी।”
सुमन मिश्रा: “लखनऊ की तहज़ीब और दिवाली की रौनक—दोनों लाजवाब।”
फरहान नक़वी: “अब गोमती किनारे वाली दिवाली की अलग ही शान होगी!”
प्रिया अवस्थी: “Proud moment for all of us!”
मुंबई (Mumbai)
आरिफ़ शेख़: “मुंबई की दिवाली अब UNESCO certified—mast news hai!”
कियारा दत्त: “Bandra to Marine Drive, lights अब और special लगेंगी।”
सलीम कुरैशी: “दिवाली पर Unity दिखती है, अब Global भी हो गई।”
मीरा कामत: “Bollywood जरूर इसपर फिल्म बनाएगा!”
अदनान खान: “Proud to see Indian culture shining worldwide.”
रिया सावंत: “Mumbai always glows, but this is next level!”

भोपाल (Bhopal)
तनवी चौहान: “झीलों में झिलमिल दीये—अब UNESCO भी देखेगा।”
रईस अंसारी: “Bhopal की दिवाली peaceful + beautiful होती है।”
नेहा ठाकुर: “ये खबर पूरे मप्र में खुशी फैलाने वाली है।”
अदनान रिज़वी: “सांस्कृतिक पहचान को वर्ल्ड लेवल मिलना शानदार है।”
प्रभात पांडे: “New Market में भीड़ भी Heritage वाली लगेगी।”
शाइस्ता फातिमा: “Proud to be part of such rich culture.”
गांधीनगर (Gandhinagar)
वसीम पटेल: “UNESCO की लिस्ट में दिवाली—गुजरात खुश।”
नेहा परमार: “अब Vibrant Gujarat में Vibrant Diwali भी होगी!”
अरमान मलिक: “ये recognition इंडिया की soft power को बढ़ाएगा।”
ध्रुव देसाई: “हर घर के दीये की अब global identity है।”
फहमीदा शाह: “दिल खुश हो गया, यह हमारी संस्कृति की जीत है।”
जश करन पटेल: “Modi ji खुश, मतलब पूरा गुजरात खुश!”
बेंगलुरु (Bengaluru)
आफताब रहमान: “Finally something trending beyond IT—Diwali FTW!”
स्नेहा कृष्णा: “UNESCO वाली दिवाली अब और चमकेगी।”
फिरोज़ अली: “Bengaluru की multi-cultural vibe को ये पूरी तरह सूट करता है।”
संदीप रेड्डी: “Startups भी अब Heritage Diwali सेलिब्रेट करेंगे।”
आलिया खान: “Indian culture is unmatched!”
माधव गौड़ा: “Traffic भी आज खुश होगा शायद!”
दिल्ली (Delhi)
आयशा खान: “दिल्ली की दिवाली तो पहले ही ग्लोबल थी, अब official बन गई!”
अमित भटनागर: “लाल किले पर दीये—वाह! UNESCO को भी गर्व होगा।”
सलीमुद्दीन: “ये शहर त्योहारों में सबसे जीवंत होता है।”
ज्योति नागपाल: “10 दिसंबर को extra दिवाली? दिल्ली तैयार है!”
शाहिद अंसारी: “Culture, lights, tradition—दिल्ली सब में Top है।”
कनिका मल्होत्रा: “हमारी दिवाली का Glow अब दुनिया देखेगी!”
UNESCO द्वारा दिवाली को Intangible Cultural Heritage में शामिल किया जाना सिर्फ एक सम्मान नहीं—यह भारत की उस सांस्कृतिक रौशनी की पहचान है जो सीमाओं से बहुत आगे जाती है। यह फैसला साबित करता है कि दिवाली सिर्फ दीयों की चमक नहीं, बल्कि एक ऐसी भावना है जो हर धर्म, हर भाषा और हर शहर के लोगों को जोड़ती है।
लखनऊ की मुस्कान हो या मुंबई का उत्साह, भोपाल की खुशियां—आज हर जगह एक ही बात कही जा रही है, “दिवाली अब दुनिया की है, लेकिन दिल भारत का है।”
भारत के पास पहले ही कई सांस्कृतिक विरासतें थीं, लेकिन दिवाली के जुड़ने से यह सूची और भी दमदार हो गई है। यह भारत की उस सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है जो न सिर्फ परंपराओं को जीवित रखती है, बल्कि दुनिया को रोशनी, उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश देती है।
UNESCO की इस मान्यता ने दिवाली को इंटरनेशनल किया, और भारत को और भी इमोशनल। अब दुनिया कह रही है-“Let there be Light… Indian Light!”
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